चतुर्थी विभक्ति प्रयोग भवति |
मयंक: वार्थाम् द्विचक्रिकाम् आनीतवान | = मयंक वार्थाम् के लिए बाइक लता है |
राजेश: खुशालै क्रीडनकम् आनयति | = राजेश ख़ुशी के लिए खरीदता है |
पिता पुत्रिभ्य: पुस्तकानि आनीतवान | = पिता बेटी के लिए किताब लता है |
अनल: जामात्रे घटीं आनीतवान | = अंकल दामाद के लिए घड़ी लाते है |
भगिनी अनुजाय पुस्तकं क्रिडनाति | = बेहन छोटा भाई के लिए किताब खरीदता है |
अहं मित्राय पुस्तकानि आनीतवान | = मै दोस्त के लिए किताब लाया हु |
माता पुत्रेभ्य फलानि आनीतवति | = माँ बेटे के लिए फल लती है |
सः महेशाय युतकं क्रिडनाति | = वह महेश के लिए शर्ट खरीदता है |
पिता पुत्राय लेखनी आनवति | = पिता बेटी के लिए कलम आते है |
शिक्षक: छात्राय पुस्तकं आनयति | = शिक्षक विद्यार्थी के लिए किताब लाते है |
माता पुत्रिभ्य: कन्कनानि आनयति | = माँ बेटी के लिए कंगन लाती है |
कल्पते | - कल्पना |
भक्ति: मोक्षाय कल्पते | = भक्त मोक्ष पाने के लिए कल्प रहा हैं |
उतम्: उपाय तृतीय कल्पते | = उत्तम उपाय पाने के लिए तीसरा बार कल्प रहा है
धनं लोभाय कल्पते | = धन पाने के लिए कल्प रहा है |
युद्धं सुकाय कल्पते | = युद्ध करने के लिए के लिए कल्प रहा है |
दृष्ट विधया विबाद्य कल्पते | = दृष्ट विधया पाने के लिए कल्प रहा है |
पुस्तकं धेयनाय कल्पते | = किताब पाने के लिए कल्प रहा है |
चतुर्थी विभक्ति प्रयोग भवति |
पिता पुत्राय चित्रं दर्शयति | = पिता बीटा को चित्र दीखता है |
माता पुत्रयै शाटिकाम् दर्शयति | = माँ बेटी को साडी देखती है |
मेघा सख्यै पुस्तकं दर्शयति | = मेघा सख़ी को किताब देखती है |
युवकः मित्राय चित्रं दर्शयति | = बालक दोस्त को चित्र दिखता है |
माता सख्यै गृहं दर्शयति | = माँ सखी को घर दिखता है |
शिक्षक: छात्राय प्रिदर्शनि दर्शयति | = शिक्षक विद्यार्थी को वह स्थान जहाँ तरह-तरह की वस्तुए दिखने के लिए राखी हो दिखता है |
युवक: चित्रे स्वधनं समर्पयति | = लड़का सब धन चित्र में वितरित करता हैं |
योगिनिना साधवे फलानि समर्पयति | = योगी सब फल वितरित करता है |
सः रमेशाय चित्रं दर्शयति | = वह रमेश चित्र दीखता है |
In this post we are discussing how to use Caturthi vibhkti priyog, Kalpte, Varna etc. This one is an video classes by just watching videos you can learn to speak in Sanskrit language without any difficulty
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